Delhi Sultanate: Slave Dynasty – Qutbuddin Aibak History Notes & MCQs for Competitive Exams

“कुतुबुद्दीन ऐबक और गुलाम वंश पढ़ें – यह छोटा सा topic आपके लिए आसान marks और exam में confidence का shortcut है। हर fact, हर स्मारक, हर निर्णय आपको सफलता के कदम पर ले जाएगा। आज थोड़ा समय दें, कल यह advantage आपके साथ होगा।”

गुलाम वंश या Slave Dynasty दिल्ली सल्तनत का पहला वंश था। इसे कुतुबुद्दीन ऐबक (1206–1210 ई.) ने स्थापित किया था, जो मूल रूप से मोहम्मद गौरी का गुलाम था। ऐबक ने अपने अल्पकालीन शासन में न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया बल्कि इंडो-इस्लामिक स्थापत्य कला के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कुतुब मीनार और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद जैसे ऐतिहासिक स्मारक बनवाए। उनका प्रशासन क्षेत्रों के संघटन, कानून व्यवस्था बनाए रखने और कला-संस्कृति को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित था। ये संक्षिप्त नोट्स उनके जीवन, उपलब्धियों और वंश की महत्वता का सार प्रस्तुत करते हैं, जो IAS, PCS, SSC, PGT, TGT, NET और TET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयुक्त हैं।

गुलाम वंश (Slave Dynasty) – दिल्ली सल्तनत का पहला वंश

1206 से 1290 ई0 तक दिल्ली सल्तनतके सुल्तान गुलाम वंश के सुल्तानों के नाम से विख्यात हुए, जिसका संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था। यधपि वे इस वंश के नही थे, वे सभी तुर्क थे तथा उनके वंश पृथक-पृथक थे। साथ ही साथ वे स्वतंत्र माता-पिता की संतान थे। अतः इन सुल्तानों को गुलाम वंश का सुल्तान कहने के स्थान पर प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान या दिल्ली के मामलूक सुल्तान कहना अधिक उपयुक्त है।

Must Read It:- कुतुबुद्दीन ऐबक का जीवन परिचय और उसका चरित्र

कुतुबुद्दीन ऐबक – गुलाम वंश का संस्थापक

 1206 ई0 से 1210 ई0 के मध्य में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत पर शासन किया। दास वंश या गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था। ऐबक का शाब्दिक अर्थ “चन्द्रमा का स्वामी” होता है। मिनहाज-उस-सिराज के अनुसार ऐबक की एक उंगली टूटी थी, इसिलिये वह ऐबक-ए शल (विकलांग ऐबक) कहलाता था। वह ऐबक जनजाति का तुर्क था। यह जनजाति अपने सुंदर स्त्री-पुरुषों के लिए प्रसिद्ध थी। उसके माता-पिता तुर्किस्तान के निवासी थे। माँ-बाप गरीब थे इसिलिये बचपन मे उसे काजी अब्दुल अजीज कोकी कोनिशापुर में बेच दिया। काजी अपनी पवित्रता के लिए अबू हनीफा द्वितीय के नाम से प्रसिद्ध था। ऐबक बचपन से अति सुरीले स्वर में कुरान पढ़ता था, जिस कारण वह कुरान-ख्वां (कुरान का पाठ करने वाला) के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाद में उसे निशापुर से गजनी लाया गया, जहां उसे गोरी ने खरीद लिया। अपनी प्रतिभा, लगन और ईमानदारी के बल पर शीघ्र ही ऐबक ने गोरी का विश्वास प्राप्त कर लिया। गोरी ने उसे ‘मलिक’ और बाद में “अमीर-ए-आखूर” (अश्वशाला का प्रधान) के पद पर प्रोन्नत कर दिया। अदब-उल-हर्ब के लेखक फखे मुदब्बिर के अनुसार “सन 1206 ई0 में जब मुहम्मद गोरी खोखरो का दमन कर गजनी वापस जा रहा था तो औपचारिक रूप से कुतुबुद्दीन ऐबक को वायसराय की शक्तियाँ प्रदान की। मलिक के पद पर उसकी पदोन्नति की गई और उसे भारतीय साम्राज्य का ‘वली अहद’ (उत्तराधिकारी) नियुक्त किया गया।” खालिक अहमद निजामी कुतुबुद्दीन ऐबक को ‘वली अहद’ बनाये जाने की बात को सही नही मानते। लेकिन वास्तव में भारत मे तुर्की राज्य का संस्थापक ऐबक को ही माना जाता है। क्योंकि, उसने भारत के तुर्की राज्य को मध्य एशियाई राजनीति से बचाए रखा तथा इसके स्वतंत्र अस्तित्व के लिए प्रयत्न किया था।

Must Read It: क़ुतुबुद्दीन ऐबक कालीन स्थापत्य कला

1206 ई0 में गोरी की मृत्यु के तीन माह पश्चात जून 1206 ई0 में ऐबक ने अपना राज्याभिषेक करवाया। उसने अपनी राजधानी लाहौर को बनाया। राज्यारोहण के समय ऐबक ने सुल्तान की उपाधि धारण नही की थी। वह ‘मलिक एवं ‘सिपहसालार‘ की पदवियों से ही सन्तुष्ट रहा। सन 1208 ई0 में सुलतान गियासुद्दीन मुहम्मद गोरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को दासता से मुक्त कर दिया और वैधानिक रूप से दिल्ली का सुल्तान स्वीकार कर लिया। ऐबक ने दास्य मुक्ति पत्र की प्राप्ति हेतु निजामुद्दीन अहमद को फ़िरोजकोह भेजा था। उसी के प्रतिवेदन पर गजनी के गोर सुल्तान गियासुद्दीन महमूद ने हसन निजामी के हाथों “दास्य मुक्ति पत्र” ,सिंहासन, दूरबाश (दो शीर्षयुक्त राजसी दण्ड), लाल छत्र (सुल्तान का प्रतीक), पताका एवं नक्कारा भेजवाया था। सर्वप्रथम उसी ने  ऐबक को सुल्तान की पदवी से विभूषित किया था। अपनी उदारता के कारण कुतुबुद्दीन ऐबक इतना अधिक दान करता था कि उसे “लाखबख्श” (लाखो का दान करने वाला) , पीलबख्श (हाथियों का दान देने वाला), और हातिम द्वितीय आदि नामो से पुकारा जाता था। फरिश्ता के अनुसार “जब जनसाधारण किसी व्यक्ति के असीमित दान की प्रशंसा करते थे तो वह उसे अपने समय का ऐबक कहते थे।” ऐबक ने दिल्ली में ‘कुव्वत-उल-इस्लाम’ और अजमेर में ‘अढाई दिन जा झोपड़ा’ नामक मस्जिद का निर्माण करवाया था। उसने दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया, जिसे इल्तुतमिश ने पूरा करवाया। सुल्तान फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में इसकी चौथी मंजिल को काफी क्षति पहुंची थी, जिस पर फिरोजशाह तुगलक ने चौथी मंजिल के स्थान पर दो मंजिल का निर्माण और करवाया। 1210 ई0 में ऐबक की लाहौर में चौगान (आधुनिक पोलो) खेलते समय मृत्यु हो गयी। उसे लाहौर में दफनाया गया। हसन निजामी के अनुसार “ऐबक की आज्ञाओ से इस्लाम के उपदेशों का बहुत प्रचार हुए और धर्म के सूर्य ने ईश्वर की सहायता रूपी अम्बर से हिन्द के देशों पर अपना प्रतिबिम्ब प्रदान किया।”

Must Read It:- दिल्ली सल्तनत की स्थापना में कुतुबुद्दीन ऐबक का योगदान

कुतुबुद्दीन ऐबक – महत्वपूर्ण MCQs (Objective Questions)

 1* गुलाम वंश का संस्थापक कौन था?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) अलाउद्दीन खिलजी
(c) इल्तुमिश
(d) बलबन
2* गुलाम वंश का प्रथम शासक कौन था?
(a) इल्तुतमिश
(b) कुतुबुद्दीन ऐबक
(c) आरामशाह
(d) बलबन
3* कुतुबुद्दीन ऐबक की राजधानी थी—
(a) दिल्ली
(b) लाहौर
(c) अजमेर
(d) लखनौती
4* दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान “लाखबख्श” के नाम से जाना जाता है?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) बलबन
(c) इल्तुतमिश
(d) अलाउद्दीन खिलजी
5* “अढाई दिन का झोपड़ा” क्या है?
(a) संत की झोपड़ी
(b) मंदिर
(c) मस्जिद
(d) मीनार
6* निम्मलिखित में से किसने प्रसिद्ध क़ुतुबमीनार के निर्माण में योगदान नही दिया?
(a) इल्तुतमिश
(b) कुतुबुद्दीन ऐबक
(c) फिरोजशाह तुगलक
(d) गयासुद्दीन तुगलक
7*  कुतुबुद्दीन ऐबक कु मृत्यु कैसे हुई?
(a) उनके एक महत्वाकांक्षी कुलीन व्यक्ति ने कपट से छुरा मारकर उनकी हत्या कर दी।
(b) पंजाब पर अधिकार जमाने के लिए गजनी के शासक ताजुद्दीन यल्दौज के साथ युद्ध मे उनकी मृत्यु हुई।
(c) बुन्देलखण्ड के किले का घेरा डालते समय उन्हें चोटे लगी जिसके कारण बाद में उनकी मृत्यु हो गयी।
(d) चौगान खेलते समय घोड़े से गिरने के पश्चात उनकी मृत्यु हो गई।
8* निम्नलिखित में से किसने दिल्ली को राजधानी के रूप में स्थापित किया था?
(a) इल्तुतमिश
(b) कुतुबुद्दीन ऐबक
(c) रजिया
(d) मुइज्जुद्दीन गोरी
9* निम्नलिखित में से किसने पंजाब के लिए कुतुबुद्दीन ऐबक से संघर्ष किया?
(a) नासिरुद्दीन कुबाचा
(b) ताजुद्दीन यल्दौज
(c) इख़्तियारूद्दीन
(d) इल्तुतमिश
10* सल्तनत के किस सुल्तान ने सर्वप्रथम अपनी राजधानी दिल्ली स्थानांतरित की थी?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) आरामशाह
(c) इल्तुतमिश
(d) बलबन
11* निम्नलिखित में से कौन शासक पृथ्वीराज चौहान के नाम से प्रसिद्ध है?
(a) पृथ्वीराज द्वितीय
(b) पृथ्वीराज प्रथम
(c) पृथ्वीराज तृतीय
(d) उपरोक्त में से कोई नही
12* “भारतीय गौरव (यश) का अंतिम सूर्य” किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(a) पृथ्वीराज चौहान
(b) शिवजी
(c) महाराणा प्रताप
(d) हेमू

13* चंगेज खां के अधीन मंगोलो ने भारत पर आक्रमण किया था–
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक के शासनकाल में
(b) इल्तुतमिश के शासनकाल में
(c) बलबन के शासनकाल में
(d) गयासुद्दीन के शासनकाल में
14* टंको पर टकसाल का नाम अंकित करने की प्रथा का प्रारंभ किसने किया?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक ने
(b) मुइज्जुद्दीन ने
(c) इल्तुतमिश ने
(d) रजिया ने
15* भारत के किस मध्यकालीन शासक ने “इक्ता व्यवस्था” प्रारम्भ की थी?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) इल्तुतमिश
(c) बलबन
(d) अलाउद्दीन खिलजी
16* निम्नलिखित में से किसने सर्वप्रथम ‘सुल्तान’ की उपाधि धारण की थी?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) आरामशाह
(c) रुकनुद्दीन फिरोज
(d) इल्तुतमिश
17* निम्नलिखित में से कौन रात्रि में अधिकतर समय प्रार्थना एवं चिंतन में व्यतीत करता था?
(a) बलबन
(b) रुकनुद्दीन फिरोज
(c) इल्तुतमिश
(d) कुतुबुद्दीन ऐबक
18* इक्ता वह भूमि होती थी, जिसकी आय पर—
(a) नागरिक प्रशासन का नियंत्रण था।
(b) सैन्य प्रशासन का नियंत्रण था।
(c) काजी का नियंत्रण था।
(d) वक्फ का नियंत्रण था।
19* कुतुबमीनार का निर्माण किस सूफी संत की स्मृति में कराया गया था?
(a) बाबा फरीद
(b) निजामुद्दीन औलिया
(c) नासिरुद्दीन चिराग-ए-देलहवी
(d) कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
20* ‘गुलामो का गुलाम’ किसे कहा गया था?
(a)कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) मुहम्मद गोरी
(c) बलबन
(d) इल्तुतमिश
21* मुहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने भारतीय प्रान्तों पर शासन किया एवं एक राजवंश की स्थापना की, जिसका नाम था–
(a)ऐबक वंश
(b) गुलाम वंश
(c) सल्तनत वंश
(d) (b) एवं (c) दोनो
22* कुतुबुद्दीन ऐबक को दासता से मुक्ति कब प्राप्त हुई?
(a)1206 ई0 में
(b) 1207 ई0 में
(c) 1208-09 ई0 में
(d) 1210 ई0 में
23* कुतुबुद्दीन ऐबक ने किस स्थान से शासन का संचालन किया?
(a)दिल्ली
(b) लाहौर
(c)  अजमेर
(d)मुल्तान
24*  मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक को दफनाया गया था—
(a)दिल्ली में
(b) रावलपिण्डी में
(c) इस्लामाबाद में
(d) लाहौर में
25* दिल्ली सल्तनत का पहला संप्रभु (वैधानिक) या प्रभुत्वसंपन्न शासक था–
(a)कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) इल्तुतमिश
(c) आरामशाह
(d) नासिरुद्दीन महमूद

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